Monday, May 24, 2021

दिल की बात...

ये गिर्द घना अंधेरा, ये शांत नीला आसमान, 
ये थंडी सरसरटी हवाये, ये प्रकाशित शीतल चाँद, 
ये चांद को निहारती आंखें, ये ख़यालों में डूबी रातें,
ये दिल में छुपी बातें, ये बातों से जुड़ी यादें, 
ये यादों में बसा दिल, उस दिल की धड़कनें, 
ये धडकनों में बसा प्यार, उस प्यार में पागल मैं,
ये मुझसे जुड़ी कहानी, ये कहानी के कुछ पन्ने,
पन्नों में छुपे कुछ किस्से, मेरी जिंदगी के हसीन हिस्से,
हिस्सों में जीये वो पल, सुनहरे पलों में मिली खुशी,
खुशी से झूम उठी ये हसीं, हसीं से बनी मुस्कान,
मुस्कान के साथ खिल उठा जहाँ, ये हम दोनोंका आसमान,
आसमान में चमकते सितारे, लगने लगे हैं रिश्तेदार हमारे,
सितारों में ढुंढती हूँ खुशियाँ, खुशियों से भरनी है बोरियाँ,
संभालानी है हमेशा, जैसे कोई जेवरात हो,
खुशियों से भरी झोली, जैसे अकल्पित सपना हो,
सपने करने है पूरे सारे, लेकर हाथों में हाथ, 
कहानी लिखनी है अलग जो बनाए नयी पेहचान..


                                     - श्वेता मिलिंद भुरके.


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